आपका काम बनेगा आपके नई पहचान

आपका काम बनेगा आपके नई पहचान

 आप जो भी काम करते हैं उसे अपनी पहचान बनाने के लिए यह जरूरी है कि आप सबसे पहले उस काम में महारत हासिल करें। जब आप अपनी फील्ड का एक्सपर्ट बन जाएंगे तो उसके बाद आपका काम आपकी पहचान बन जाएगा। तो चलो अब हम जानते है कि आपका काम कैसे बनेगा आपकी पहचान। जब आप किसी व्यक्ति के सामने अपना परिचय देते हैं तो आप कहते हैं कि मैं अध्यापक हूं, डॉक्टर हूं, एंटरप्रेन्योर्स हूं, ऑडिटर हूं या कोई और जॉब टाइटल हूं । आप अपने काम को आपकी पहचान के रूप में क्यों पेश करते हैं? क्या यह एक अच्छी चीज है? आपको अपनी साइकोलॉजिकल पहचान का निर्माण एसी कहानियों से करना चाहिए जो आपके मानवीय व्यवहार को रेखांकित करती हो। यह कहानियां आपको प्रोत्साहित कर सकती है और आपको दूसरों से अलग कर सकती है। आपको अपने काम को अपनी नई पहचान बनाने से पहले उसे पूरी तरह अंगीकार कर लेना चाहिए। जानते हैं कि आप ऐसे करियर का निर्माण कैसे कर सकते हैं जो आपके काम को आपकी पहचान बना सके

आपका काम बनेगा आपके नई पहचान

  • क्यों

 मनोविज्ञान के मुताबिक आपकी पहचान वह रास्ता है जिससे आप अतीत, वर्तमान और भविष्य में अपनी यूनीकनेस को परिभाषित करते हैं। इंसान हमेशा बाहर ही मान्यता की तलाश में रहता है। बचपन में यह स्कूल से मिले अंक होते हैं। व्यस्क होने पर आप अपनी कहानी को नियंत्रित करने के लिए निजी उपलब्धियों का चयन करते हैं। चुंकी आप जो काम करते हैं ज्यादातर उपलब्धियां वहीं से आती है। इसलिए आपकी पहचान पर आप की नौकरी या व्यवसाय का गहरा प्रभाव पड़ता है। आपको इसे सही तरह से समझ कर काम में लेना चाहिए।

  • ताकत

 आपके काम की पहचान वर्तमान क्षण में टिके रहने की ताकत देती हैं। जैसे-जैसे आप काम में महारत हासिल करते हैं वैसे वैसे आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। इस तरह आप पर दुनिया का भरोसा बढ़ता जाता है। आप जान जाते हैं कि कैश फ्लो कैसे सुचारू बनाया जाए। इससे आपके टिके रहने से जुड़े डर खत्म हो जाते हैं। आपका काम आपका नया टाइटल, सामाजिक महत्व  और आपको नई पहचान देता है। हालांकि सिर्फ इस से चिपके रहने से भविष्य की खुशियां प्रभावित हो सकती है ।
  • अर्थ

आपके काम से जुड़ी पहचान खुद से बड़ा अर्थ और उद्देश्य दे सकती हैं ।  ऑफिस में काम, फंक्शन और कंपनी विजन का सारा पता करें और जानें कि इससे मानवता का क्या फायदा हो सकता है। जब आपके काम का अर्थ आंतरिक जीवन मूल्यों से जुड़ जाएगा तो आप लंबे समय तक करियर में टिके रह सकेंगे। आपको अपने काम से जुड़ी पहचान पर जरूरत से ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे दुख पैदा हो सकता है। आपको अपनी नई पहचान तैयार करनी चाहिए और इनका अर्थ खोजना चाहिए।
  • दिशा

ऑफिस में काम से मिली निजी पहचान जीवन को नई दिशा देती है जो निर्णय लेने में मददगार साबित होती है। यह आपको स्ट्रक्चर तक एक्सेस करने और मैकेनिज्म से जूझने की ताकत देती है। इससे जिंदगी के हर चरण में अपनी उर्जा बचा सकते हैं आप। यदि आप अपनी रुचि से जुड़ा करियार चुन लेते हैं  तो जीवन आसान हो जाता है। इसलिए करियर के शुरुआती दिनों में ही अलग-अलग भूमिकाओं को निभाने की कोशिश करनी चाहिए । हमेशा यह कोशिश करें कि यह रुचियां आपके भीतर से निकले ना की किसी ने बाहर से आप पर थोपी हो ।  तभी आपको पूरा फायदा होगा।
  • जुड़ाव

आपके काम से मिली पहचान मुश्किल समय में मजबूत आश्रय स्थली का काम करती हैं। आप ऑफिस में कई लोगों से जुड़े रहते हैं। इससे सामूहिक पहचान भी मिलती है। यह नए लोगों के साथ जोड़ने और अच्छे संबंध बनाने में मदद करती है। जब जीवन में कोई बड़ा दुख आता है तो ऑफिस की पहचान आपको थामें रखती है। सामूहिक पहचान खुद को नए सिरे से परिभाषित करने में मदद करती है। जब आप ऑफिस में व्यस्त रहते हैं तो समझदारी भरे फैसले लेते हैं और जीवन को नियंत्रित कर पाते हैं। काम की पहचान को अस्थाई व जुड़ाव को स्थाई मानना चाहिए ।

  • क्या आपके पास विकल्प हैं

 जब आप काम का चुनाव करते हैं तो रुक कर थोड़ा विचार करना चाहिए। इससे अगले 2, 5 या 10 साल में क्या आप बनेंगे, आपके काम का कंटेंट, फंक्शन, भौगोलिक स्थिति, कंपनी की संस्कृति और पद से आपकी कहानी को नया रूप मिलता है। यदि कॉर्पोरेट वकील बनते हैं तो जीवन का नजरिया और सामाजिक व्यवहार एक क्रिमिनल वकील से अलग होगा। जीवन के किसी भी चरण में आप नई भूमिकाओं का चुनाव कर सकते हैं। काम से जुड़ी अपनी पहचान को बदल सकते हैं और खुद में पूरी तरह से रूपांतरण कर सकते हैं । 

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